आयुर्वेद और योगाभ्यास से एक नया जीवन..

योग:- योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया हैं। जिसमें मन, शरीर और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता हैं। योग शब्द तथा इसकी प्रक्रिया और इसकी धारणा हिंदू धर्म बौद्ध धर्म और जैन धर्म में ध्यान प्रक्रिया से संबंधित है। और उसके साथी हिंदू धर्म बौद्ध धर्म और जैन धर्म में योग के अनेक संप्रदाय हैं। योग अलग-अलग लक्ष्य तथा व्यवहार हैं। परंपरागत योग और इसका आधुनिक रूप पूरे विश्व भर में फैला हुआ है। योग शब्द का सबसे पहले बखान ऋषिवेद में मिलता है। तथा योग का अनेक उपनिषदों में भी इसका उल्लेख किया गया है। कठोपनिषद में सबसे पहले योग शब्द का अर्थ वो ही हैं। जो की आधुनिक युग में अर्थ है। अगर योग को ब्राह्म मूहर्त के समय योग को सिर्फ अगर 5 मिनट भी किया जाए तो आप दिन भर के तनाव और चिंता से मुक्त हो सकते हो। और अगर आपको अपने आप से आंतरिक आत्मा से बातें करना चाहते हो तो आप ध्यान के जरिए योग के द्वारा कर सकते हैं। योग से आप पुराने से पुराना रोग भी योग के द्वारा दूर कर सकते हो। योग के द्वारा आप एक और दूसरे जन्म का भी अनुभव कर सकते है। योग के द्वारा आप पूरे दिन एनर्जी का अहसास करोगे। आपको पूरे दिन में थकावट का जरा सा भी अहसास नहीं होगा। पतंजलि का योग सूत्र सबसे पुराना योग सूत्र हैं। इसकी रचना ईसा की प्रथम शताब्दी या इसके आसपास मानी जाती हैं। योग का क्रेज सबसे ज्यादा आज के आधुनिक युग में फैलाया हैं। स्वामी रामदेव आज के आधुनिक युग में हर घर घर में योग के लाभ बताकर योग के प्रती जागृत कर दिया हैं। 21 जून 2015 को प्रथम अंत राष्ट्रीय योगदिवस मनाया जाता हैं। योग आपकी सातों इंद्राइयो को जागरण कर देता हैं।

योग आपको आध्यात्मिकता की तरफ भेजता हैं। योग करने से आप अपनी इंद्रियों पर अपना नियंत्रण कर सकते हैं। योग से आप अपने भौतिक जीवन की सभी क्रियाविधि को छोड़कर आपको अपने लक्ष्य की ओर जाने की भी प्रेरणा मिलती हैं। और अपने जीवन में एक नई सोच और नई चेतना के लिए प्रोत्साहित करता हैं। योग से आप अपने जीवन को रोगी से निरोगी भी मना सकते हो। योग से आप अपना हिमोग्लोबिन भी बढ़ा सकते हो। और अपने बीपी, शुगर तथा कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल कर सकते हैं। योग का उद्देश्य योग के अभ्यास से योग के लाभ को सारी दुनिया में जागरूकता का हैं। जिससे की सारी रोगी दुनिया को रोगी से निरोगी बनाया जा सके। योग में अनुलोम- विलोम , कपालभाति और करने से आप कैंसर तक को ठीक कर सकते हैं। ऐसा कोई भी रोग नहीं हैं जिससे की योग से दूर नहीं किया जा सकता है। योग से आपमें हर असंभव कार्य को संभव करने का साहस आता हैं। योग में वो उत्साह है जो आपको सफल कर सके।

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