राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा..

38 साल पहले भी निकली थी भारत जोड़ो यात्रा । यह यात्रा 14 हजार किलोमीटर की थी। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 14 राज्यों से होकर निकली थी। और आजकल भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी भी काफी सुर्खियों में हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी भारत जोड़ो यात्रा देश में 38 साल पहले भी निकल चुकी थी। उस समय में देश के क्या हालात चल रहे थे। आइए आपको बताते है की उस समय देश की अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति थी। सियासत में यात्रा का चलन तो पहले से ही चला आ रहा हैं। देश में अपनी विचार भावना को देश के आम नागरिकों तक पहुंचाना और और देश की जनता से रूबरू होने के लिए इंद्रा गांधी और राजीव गांधी तथा कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने यात्रा की हैं। देश में आज भी आधे से ज्यादा राजनेतिक नेताओं की यात्रा निकल चुकी हैं। इसी को लेकर राहुल गांधी आजकल काफी चर्चा में आ रहे हैं।

आजकल कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर 2022 को शुरू हुई थी। यह यात्रा कन्याकुमारी से होकर कई राज्यों तक गुजरी है। और 30 जनवरी को इस यात्रा का कश्मीर में समापन होना है। राहुल गांधी की यह यात्रा 2 केन्द्र शासित प्रदेशों और 12 राज्यों तक गुजरी है। इस यात्रा में राहुल गांधी ने 150 दिनों में 3570 km की दूरी तय की हैं।

आपको यह जानकर हैरानी होगी की देश में 38 साल पहले भी भारत जोड़ो यात्रा की तरह ही यात्रा निकाली गई थी। वह यात्रा भी साउथ से नॉर्थ और ईस्ट से वेस्ट की तरफ निकाली गई थी। और इसी यात्रा का भी मकसद भी बहुत ही अहम था। और इसी यात्रा में एक खास नेता था। तो चलिए आइए जानते हैं 38 साल पुरानी यात्रा की हिस्ट्री । की इस यात्रा से देश पर क्या असर पड़ा था। और देश में इस यात्रा से क्या क्या विचार भावना को लोगों तक पहुंचाया गया था।

भारत जोड़ो यात्रा भी 38 साल पहले निकली गई थी। गांधी वादी समाज सेवी बाबा आप्टे साल 1984 में ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के बाद देश में तनाव फैला हुआ था। और हर जगह टकराव और तनाव का माहौल था। और टाइम हिंसा भी हुई थी। क्योंकि उसी समय ही इंद्रा गांधी ही हत्या हुई थी। जब राहुल गांधी लगभग 14 साल के थे। दिल्ली के सिख के खिलाफ हुई हिंसा के बाद देश में चारों और तनवर और आतंक का माहौल फेल चूका था। जब गांधी वादी बाबा आप्टे ने राष्टीय अखंडता का संदेश फैलने के लिए एक यात्रा का एलान किया और इसे भी भारत जोड़ों यात्रा का नाम दिया गया। बाबा आप्टे ने इस भारत जोड़ो यात्रा को बढ़ावा देने के लिए यात्रा को कश्मीर से कन्या कुमारी तक निकाली गई थी। और 1988 में इस यात्रा को गुजरात से अरुणाचल प्रदेश में दो बार निकाली गई थी। उन्होंने इस यात्रा को पैदल या साइकल से पूरा करने का फैसला लिया था।

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